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मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम सम्पन्न हुआ*

*मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम सम्पन्न हुआ*

*इंडियन टीवी न्यूज़ से ब्यूरो चीफ रफीक अहमद एवं ममता वर्मा की विशेष रिपोर्ट*

 

 

 

*बेनीगंज* (हरदोई)। सिकंदरपुर स्थित जैराम के आवास पर मंगलवार को मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ।सीतापुर आश्रम से आई दर्शनी बाई ने कहा कि आप लोगों नें देखा होगा कि कार दो गियर होते हैं।एक जो कार को आगे ले जाता है, दुसरा जो उसे पीछे ले जाता है। ऐसे ही मानव के अन्दर राम और रावण दो गियर लगे हुए है।

 

 

 

राम दैवी वृत्तियों का गियर है जो जीवन को ऊर्ध्वमुखी बनाता है। रावण बैकवर्ड गियर है जो जीवन को अधोमुखी बनाता है। यद्यपि दैवी वृत्तियां और आसुरी प्रवृत्तियां हर इन्सान में है पर बुद्धिमान ड्राइवर वही है जो गाडी को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में इनका प्रयोग करे और जब कभी भी गाड़ी सही मार्ग से हटने लगे तो ब्रेक लगाकर उसे एक्सीडेंट से बचाने की कोशिश करे।

 

 

 

 

सत्य मार्ग पर चलने वाले लोगों में भी कई बार आसुरी प्रवृत्तियां जागृत हो जाती है। यदि वे अपने मन पर ब्रेक लगाना सीख लें, इस कला में अभयस्त हो जायें तो वे भी असुर से अपने आपको बचा सकते हैं उस मन की ब्रेक को ही ज्ञान कहते हैं। और वह ज्ञान केवल चेतन तत्वदर्शी ज्ञानियों से ही प्राप्त हो सकता है। आज जितने भी हमारे पास धर्मशास्त्र हैं वे भी किसी ज्ञानी की ही उपज है।

 

 

 

 

वेदों का ज्ञान भी ऋषियों के हृदयों में ही प्रकट हुआ। इसलिए ज्ञान और ज्ञानी का जोड़ा है जिस प्रकार से सविता और सावित्री का, मन और वाणी का जोड़ा है। ज्ञान की आभा से ज्ञानी शोभायमान है। लेकिन ज्ञान के प्रति ज्ञानी की निष्ठा और तप के कारण ज्ञान जीवित है, प्रतिष्ठित है। ज्ञान को ढुंढना पड़ता हैं, क्योंकि ज्ञान का साक्षात्कार तत्वदर्शियों के द्वारा ही संभव है।

 

 

 

तत्पश्चात महत्मा सुदासानंद ने अपने विचार व्यक्त किए।इस मौके पर जयराम माधव कैलाश बिहारीलाल,हरिकशोर,शिव किशोर,नंद किशोर,देशराज राधारानी गीता देवी रुचि रिंकी पूजा,सोना आदि लोग मौजूद रही।

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