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थालादिघावन /सरकार चुनाव में व्यस्त, किसान मूंग बेचने के लिए परेशान, भारतीय किसान यूनियन गांव गांव बैठक कर आंदोलन के लिए की जा रही चर्चा, मंडी में अभी तक 6300 रुपए से ज्यादा नहीं बिका मूंग

बीते साल 15 जून से शुरू हो गई थी खरीदी, इस साल पंजीयन का भी ठिकाना नहीं,

सरकार चुनाव में व्यस्त, किसान मूंग बेचने के लिए परेशान,

भारतीय किसान यूनियन गांव गांव बैठक कर आंदोलन के लिए की जा रही चर्चा,

मंडी में अभी तक 6300 रुपए से ज्यादा नहीं बिका मूंग

थालादिघावन – सरकार का पूरा फोकस पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों पर है। इस कारण सरकार अन्नदाता को भूल गई है। बीते साल 15 जून से सर्मथन मूल्य पर मूंग खरीदी शुरु हो गई थी। इस साल अभी तक पंजीयन का कोई ठिकाने नहीं हैं।
बताया जाता है कि सरकार के उपेक्षित रवैए से नाराज किसान अब आंदोलन के मूड में हैं।

 

 

भारतीय किसान यूनियन संगठन के जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने गुरुवार को कैकडा गांव में बैठक की। जिसमें आंदोलन के लिए किसानों से चर्चा की। और चेतावनी भी दी गई कि 20 जून तक की मोहलत के बाद धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

 

जानकारी के अनुसार भारतीय किसान यूनियन दोबारा गांव गांव जाकर किसानों से चर्चा की जा रही है। और आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी किसानों को बता रहे हैं कि सरकार ने समर्थन मूल्य घोषित कर दिया। लेकिन पंजीयन तक शुरु नहीं किए। एक और किसान संगठन के पदाधिकारियों को बता रहे हैं कि हम लोगों को उधारी चुकाना है। खाद बीज लेना है।

 

 

 

ऐसे में मंडी में कम दाम में मूंग बेचना मजबूरी है। समर्थन मूल्य पर बेचे गेहूं, चना की भी राशि किसानों के 10-15 साल पुराने बंद खातों में जमा कर दी गई। बताया जाता है कि अब किसान बैंक व अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं। चालू खातों में राशि न डालकर बंद खातों में राशि डाल दी है। खरीफ के लिए खाद बीज खरीदने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। इसलिए ओने पौने दामों पर मूंग मंडी में बेचनी पड़ रही है। जब सरकार को समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी नहीं करनी थी तो समर्थन मूल्य की घोषणा क्यों कर दी गई। इससे किसान मूंग मंडी में बेचकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अभी तक समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी शुरू न होने पर किसान द्बारा नाराजगी जता रहे हैं।

 

 

 

पर अभी तक सरकार द्वारा पंजीयन व खरीदी की तारीख तय नहीं की। मंडियों में मूंग खरीदी कम दाम में हो रही है। एक और सरकार समर्थन मूल्य घोषित कर देती है। लेकिन समय पर खरीदी नहीं करने किसानों को लाभ नहीं होता। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसी होगी। जबकि मूंग में लागत ज्यादा लगती है। किसानों ने कहा कि जल्द खरीदी शुरू नहीं हुई तो भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में आंदोलन करना तय हुआ।

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