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मुंगावली/भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बागी प्रत्याशी उत्तरी चुनाव मैदान में बिगड़ रहे हैं समीकर

भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बागी प्रत्याशी उत्तरी चुनाव मैदान में बिगड़ रहे हैं समीकर

: मुंगावली संवाददाता नागरिक निकाय चुनाव गरमाने लगा है पार्टी प्रत्याशी सहित निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपने-अपने वार्डों में विजय पताका लहरान लहराने हुंकार भर दी है लेकिन बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार कहीं ना कहीं भाजपा व कांग्रेस को नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं सबसे ज्यादा उम्मीदवार भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी हुंकार भर चुके हैं जय भाजपा को नगर पंचायत में अध्यक्ष बनने में रोड़ा बन रहे हैं सबसे अधिक भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं ।

 

 

 

 

कांग्रेस के विभाग में जो पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मुसीबत बन कर समीकरण बिगाड़ सकते हैं क्यों को मनाने दोनों पार्टियों के नेताओं ने काफी प्रयास किए जो अभी भी जारी है भाजपा ने अनुशासनहीनता का हवाला दिया और पार्टी की सदस्य विश्वास करने का डर भी दिखाया इसके बावजूद भी नहीं माने और मैदान में डटे हुए हैं एक समय कांग्रेस पार्टी बाद वार्डों में चुनाव लड़ने प्रत्याशियों के चयन नहीं कर पा रही थी और भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के इंतजार में थी जहां कांग्रेसमें अधिकतर टिकट पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिए वहीं कुछ टिकट भाजपा के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं दिए हैं इससे पार्टी से टिकट मांग रहे कार्यकर्ता नाराज हैं कांग्रेस ने वार्ड 4 से भाजपा से असंतुष्ट कार्यकर्ता पार्वतीबाई जितेन साहू पर विश्वास जताया और कांग्रेस से टिकट मांग रहे ज्योति रावत को नजरअंदाज कर दिया जिन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय फार्म भरा है पार्टी के लिए मुसीबत बन रही है हालांकि कांग्रेस ने उन्हें मनाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे दोनों पार्टियों का समीकरण बिगाड़ रहे हैं वहीं वार्ड 12 से निर्दलीय उम्मीदवार शामियाने भी कांग्रेसी टिकट की दावेदारी की थी लेकिन उन्हें टिकट ना देना पार्टी के लिए भारी पड़ता दिख रहा है बागी होने की मुख्य वजह नए और पुराने भाजपा और नई भाजपा के समर्थकों में टिकट के लिए होड़ मची और नए भाजपा पुराने भाजपाइयों पर भारी पड़े इसलिए पुराने भाजपाइयों ने नाराजगी स्पष्ट दिखाई दे रही है इसलिए मोबाइल नगर परिषद में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को अपने हिस्से ही हार का अंदर अंदर डर सता रहा है

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