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हाथरस 30 जून, 2022 (सू0वि0)। वृद्धाआश्रम, नगला भूस का सचिव चेतना सिंह द्वारा निरीक्षण किया गया।

हाथरस 30 जून, 2022 (सू0वि0)। वृद्धाआश्रम, नगला भूस का सचिव चेतना सिंह द्वारा निरीक्षण किया गया।

 

 

उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष मृदुला कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव चेतना सिंह द्वारा वृद्धाश्रम, ग्राम नगला भूस तहसील हाथरस का औचक निरीक्षण तदोपरान्त विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। निरीक्षण के समय सचिव द्वारा वृद्धाश्रम में रह रहे पुरूष व महिला एवं उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया तथा स्टॉफ तथा स्टोर में उपलब्ध सामान तथा साफ-सफाई को देखा गया तथा वृद्धों से उनको दिये गये भोजन व नाश्ता के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी उनकी समस्याऐं सुनी गयीं। किसी भी वृद्ध के द्वारा स्टाफ/कर्मचारीगण के विरूद्ध कोई भी शिकायत नहीं की गयी है। साफ-सफाई पर्याप्त मात्र में पायी गयी।

 

इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में वृद्धाश्रम में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वृद्धों के अधिकार व भरण-पोषण, एंव निःशुल्क विधिक सहायता पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथस की सचिव चेतना सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें ओमप्रकाश सारस्वत, पीएलवी, मुकेश कुमार, वार्डन, धनवीर सिंह, प्रभारी अधीक्षक एवं अन्य की उपस्थिति में विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरण पोषण नहीं किया जाता है, तो उन वृद्धजनों को अपने परिवारिजनों से भरण-पोषण पाने के अधिकारी है। भरण-पोषण के सम्बन्ध में वृद्धों को बताया कि वर्ष 2007 में एक नया अधिनियम का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत माता-पिता जिनकी अनदेखी हो और सन्तानहीन वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण का प्रावधान किया गया हो। इस अधिनियम के तहत गठित न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने की तिथि से 90 दिनों के भीतर राहत दिलवाने का प्रावधान है। इन वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा स्वैच्छिक संगठनों द्वारा भी की जा सकती है। न्यायाधिकरण दावे को मध्यस्थता के लिए भी भेज सकता है या स्वयं निर्णय कर सकता है। यह भी बताया गया कि यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निः शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। बैंकों में वृद्धा जनों के लिए अलग से लाइन होती हैं। जिससे वृद्ध व्यक्तियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। न्यायालयों में लंबित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है। बेटा-बेटी, पोता, पोती के साथ साथ बहु व दामाद को भी भरण पोषण के लिए उत्तरदायी बनाए जाने के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। विधिक साक्षरता शिविर का संचालन पीएलवी ओमप्रकाश सारस्वत द्वारा किया गया।
धनवीर सिंह, प्रभारी अधीक्षक ने अपने वक्त में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि इस शिविर में प्राप्त जानकारियों का प्रयोग करें तथा अपने अधिकारों से आगे बढे़।
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