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जयपुर/ईद पर मुस्लिम समाज ने निभाया पड़ोसी धर्मः अपना त्योंहार छोड़ सजाई पड़ोसी की अर्थी, कांधा देकर शमशान ले गए, किया अंतिम संस्कार

*ईद पर मुस्लिम समाज ने निभाया पड़ोसी धर्मः अपना त्योंहार छोड़ सजाई पड़ोसी की अर्थी, कांधा देकर शमशान ले गए, किया अंतिम संस्कार*जयपुर बकरीद के त्योंहार पर मुस्लिम समाज ने ऐसा पड़ोसी धर्म निभाया की ईद को सार्थक बना दिया। समाज के लोगों ने अपना त्योंहार छोड़कर पड़ोसी की मौत के बाद उसके शव को कंधा दिया, अंतिम संस्कार का इंतजाम किया और परिवार के सदस्यों की तरह अर्थी को कंधा भी दिया।

 

 

 

 

कंधा देकर उसे मुर्दाघर तक पहुंचाया गया। यह पूरा घटनाक्रम जयपुर में घटित हुआ।35 साल से पड़ोस में रह रहे थे सेंसर पाल सिंह दरअसल भट्टा बस्ती वार्ड नंबर छह में रहने वलो बुजुर्ग सेंसर पाल सिंह की ईद के दिन मौत हो गई। सिंह की तबीयत बीते कुछ दिनों से खराब चल रही थी। पता चला कि रविवार सवेरे उनकी मौत हो गईं। उनके दोनो बेटों ने इसकी सूचना पास ही रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को दी तो समाज के लोग भी दुखी हो गए। स्थानीय निवासी सादिक ने बताया कि सिंह करीब पैंतीस साल से मौहल्ले में रह रहे थें।संबध पड़ोसी से ज्यादा परिवार के सदस्य की तरह थे। ईद के दिन उनकी मौत हो गई। परिवार में दो बेेटे हैं वे पिता की मौत से दुखी थे। उनकी मदद के लिए समाज के लोग आने लगे। ईद की नमाज करने के बाद लोग अपने अपने घर आए ही थे कि सेंसर पाल सिंह की मौत की सूचना मिली। फिर क्या था, लोगों ने चंदा जमा करना शुरु कर दिया। कुछ ही देर में अर्थी का सामान ले आए।उसके बाद खुद ही अर्थी सजाई और फिर अर्थी को कांधा देकर शमशान तक ले गए। वहां जाकर अंतिम संस्कार भी किया। सादिक ने बताया कि दोपहर तक भट्टा बस्ती से चांदपेाल बाजार शमशान तक सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और अर्थी को कांधा देते हुए सेंसर पाल ंिसह ा अंतिम संस्कार किया। इसकी सूचना जब कस्बे और शहर में फैली तो लोगों का यही कहना था कि ईद के त्योंहार को मनाने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता। state head crime Rajasthan मोहम्मद इक़बाल रंगरेज जयपुर

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