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डिंडौरी म प्र……….. जिला चिकित्सालय में नवजात शिशु की मौत,जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप जिम्मेदार है मस्त मरीज है तरथ

डिंडौरी म प्र………..
जिला चिकित्सालय में नवजात शिशु की मौत,जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप
जिम्मेदार है मस्त मरीज है तरथ

 

 

 

डिंडौरी। जिला चिकित्सालय में चिकित्सों की लापरवाही के चलते रविवार को नवजात षिषु की मौत हो जाने का मामला सामने आया है, वैसे यह कोई हैरान करने वाली नई घटना नही है इससे पहले भी इस तरह के घटना सामने आती रही है और जिम्मेदार कुंभकरण की तरह सो रहै है। जिला चिकित्सालय में विगत कई महीनों से स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली चर्चाओं में है उसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अमले समेत जिले के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा ध्यान न देना सोचनीय विषय है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं जिम्मेदार के द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था दुरूस्त कराने में नही बलकि आमजनों के स्वास्थ्य के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है। जबकि शासन द्वारा जिला चिकित्सालय में आमजनों की उपचार में कोई कमी न हो इसलिये लाखो करोड़ो रू पानी की तरह बहा रही है किंतु स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के द्वारा सरकार के मनसाओ पर पानी फेर रहै है।

 

 

 

 

जिला चिकित्सालय में शनिवार के रात में एक गर्भवती महिला को भर्ती कराया गया था। लेकिन रात में चिकित्सों की नदारद होने के कारण महिला रात भर पीड़ा से तड़पती रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डिंडौरी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सिमरिया निवासी 24 वर्षीय महिला कृष्णा ठाकुर पति जानकी शरण को भर्ती कराया गया था। परिजनों ने बताया कि रविवार को चिकित्सकों को सुबह से ढूॅढते रहै किंतु किसी का पता ही नही चला,इस बीच नर्स उपस्थित थे किंतु उनके द्वारा कोई चिकित्सक को नही बुलाया गया और न ही समूचित उपचार किया गया है। दोपहर लगभग 2 बजे महिला विषेषज्ञ चिकित्सक की अनुपस्थिति में महिला की नर्सो के द्वारा प्रसव कराया गया है,जिससे नवजात षिषु की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि महिला दर्द से तड़पती रही और चिकित्सक नदारत थे,महिला के प्रसव के 20 मिनट बाद एक महिला चिकित्सक आई थी,उससे पहले नवजात षिषु की मौत हो चुकी थी। षिषु की मौत के बाद नवजात षिषु के परिजन अस्पाताल में घंटो तक विलाप करते रहै।

चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि यदि जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा सही तरीके से व्यवस्था को दुरूस्त रखा जाता तो कई लोगो की जिंदगी को बचाया जा सकता है किंतु जिम्मेदारों के लापरवाही का खमियाजा भोले भाले आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
दुकानों से दवाई खरीद रहै मरीज
महिला के कमर में दर्द होने के कारण समूचित उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए 4 दिन हो गए किंतु सही उपचार और न ही दवा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में उपचार नही होने के कारण से दुकानों से दवाई खरीदने को मजबूर है।

विभागीय अमले की मनमानी से मरीज त्रस्त
रविवार को दोपहर 2 बजे के आसपास सीएमएचओ डॉ. रमेश मरावी और डीपीएम विक्रम सिंह स्वास्थ्य विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर रहे थे, उसी वक़्त महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी और परिजन डॉक्टरों को ढूंढते रहे,लेकिन मौके पर कोई भी डॉक्टर महिला को देखने नहीं पहुंचे। अंततः नवजात शिशु की मौत हो गई और इसके 20 मिनट के बाद महिला चिकित्सक देखने पहुंची थी। अगर सही समय पर डॉक्टर नर्स रहते तो नवजात शिशु को बचाया जा सकता था लेकिन नहीं यह है जिला चिकित्सालय का व्यवस्था करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी व्यवस्था सुन पर है।

इंडियन टीवी न्यूज़ संवाददाता मो0 सफर ज़िला डिंडोरी मध्य प्रदेश

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