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इकौना श्रावस्ती, जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत दो दिवसीय विकासखंड स्तरीय एफ टी के माध्यम से जल गुणवत्ता प्रशिक्षण ब्लॉक सभागार इकौना आयोजित किया गया।

इकौना श्रावस्ती,

जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत दो दिवसीय विकासखंड स्तरीय एफ टी के माध्यम से जल गुणवत्ता प्रशिक्षण ब्लॉक सभागार इकौना आयोजित किया गया।

 

 

 

जिसका शुभारंभ प्रभारी खंड विकास अधिकारी जितेंद्र लाल श्रीवास्तव ने कियाl इस दौरान जितेंद्र लाल श्रीवास्तव ने कहा कि जल आनंद का स्त्रोत है, ऊर्जा का भंडार है, कल्याणकारी है, पवित्र करने वाला है और मां की तरह पोषक तथा जीवन दाता हैl कूप का निर्माण बड़ा माना जाता था lबुध के समय वाराणसी में स्थित एक ऐसे ही खूब पर क्यों कोई भी मनुष्य इससे जितना जल निकाले उतना ही पास में बने एक नाद लघु कुंड में डाल देवेl जिससे जानवरों तथा विकलांगों की भी प्यास बुझl वही प्रशिक्षक शमशाद अहमद ने कहा कि जीवन में स्वच्छ हवा के बाद शुद्ध जल सबसे अधिक महत्वपूर्ण है यह सभी प्राणियों के लिए अनिवार्य है प्राचीन काल में मनुष्य वही फला फूला जहाज जल की आपूर्ति प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी। यह आज ही सत्य है

 

 

 

 

 ।प्राचीन काल से भारत वाशी देश के मुख्य रास्तों पर राहगीरों को जलन से तृप्त करा कर के विशेष आनंद का अनुभव करते थे। भारत में जल प्रबंधन का इतिहास काफी पुराना है ।मोहनजोदड़ो धोलावीरा और और हड़प्पा अत्यधिक विकसित शहर रहे। यहां की जल निकासी प्रणाली हुए तथा जल भंडारण प्रणाली अपने समय में बहुत आगे थी। साथ  मुकेश पांडे ने कहा कि जल ही जीवन का आधार है। पृथ्वी पर कितना पानी है उसमें से 97% पानी समुद्र एवं महासागरों में है ,बाकी बचा 3% पानी ही तालाब नदी भूजल  में मिलता है। जो हमारे रोज के कामों में आता है ,जैसे पीना ,खाना बनाना ,कपड़े धोना  बर्तन साफ करना आज के लिए जरूरी होता है। इस प्रशिक्षण में आशा आंगनबाड़ी तथा समूह की महिलाएं सम्मिलित हैं अवसर पर केतार पाठक, रियाजुद्दीन ,शिव शंकर ,नवीन श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहेl

शिवा जायसवाल
जिला संवाददाता श्रावस्ती।

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