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डिंडौरी म प्र…….. टपकती छत के नीचे पढ़ना खतरनाक:स्कूल के जर्जर भवन में पन्नी तानकर पढ़ रहे छात्र-छात्राएं, प्राचार्य बोले- अधिकारियों को दी जानकारी

डिंडौरी म प्र…….. टपकती छत के नीचे पढ़ना खतरनाक:स्कूल के जर्जर भवन में पन्नी तानकर पढ़ रहे छात्र-छात्राएं, प्राचार्य बोले- अधिकारियों को दी जानकारी

 

 

 

 

छत्तीसगढ़ राज्य से सटे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के हालात खराब हैं। स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। बारिश के समय छत से हर समय पानी टपकता रहता है। बारिश के पानी से बचाने के लिए शिक्षक पन्नी तानकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है, जिससे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की जान को खतरा है।

 

 

 

 

गोपालपुर हायर सेकेंडरी स्कूल भवन की हालत खराब हो चुकी है। स्कूल की छत को बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक बिछाई गई है, लेकिन फिर भी छत से पानी क्लास रूम में टपकते रहता है। बारिश के मौसम यह भवन कभी भी गिर सकता है। इस भवन में छात्रों को पढ़ाना जानलेवा हो सकता है। इलाके के गरीब आदिवासी छात्र छात्राएं डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं।

 

 

 

 

छात्रा आसिनी पनरिया ने बताया कि गोपालपुर गांव के आसपास कोई दूसरा हायर सेकेंडरी स्कूल ही नहीं है। प्रबंधक ने बताया कि हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्र-छात्राओं की संख्या 400 के करीब है। इस स्कूल में 15 से 20 किलोमीटर दूर दूर से छात्र छात्राएं पढ़ने आते हैं।

*अधिकारियों को जानकारी नहीं हुआ फायदा*

 

 

 

 

 

जानकारी के अनुसार गोपालपुर से ही कुछ दूरी पर उफरी गांव है। वहां भी जर्जर हो चुके भवन में प्राथमिक शाला में पढ़ाया जा रहा था। वह प्राथमिक शाला पिछले साल की बारिश में गिर गई, जिसमें 2 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उफरी प्राथमिक शाला का भवन आज भी नहीं बन पाया है। स्कूल का संचालन सामुदायिक भवन के एक कमरे में किया जा रहा है। सामुदायिक भवन के एक कमरे में ही पहली से लेकर पांचवी क्लास के बच्चे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल के शिक्षक राम लाल मरावी बताते हैं कि उन्होंने स्कूल भवन की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी है, लेकिन अब तक अधिकारियों ने सुध नहीं ली है।

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