Follow Us

इकौना श्रावस्ती, पौराणिक अस्थल सीताद्वार सावन के अंतिम सोमवार के संध्या में मात्र शक्तियों द्वारा झील का आरती किया गया।

इकौना श्रावस्ती,

पौराणिक अस्थल सीताद्वार सावन के अंतिम सोमवार के संध्या में मात्र शक्तियों द्वारा झील का आरती किया गया।

 

 

 

पंडित तिलक रामदास की अध्यक्षता मेंl आरती का शुभारंभ पंडित संतोष तिवारी ने शुभारंभ किया मातृशत्क्तियों में सीमा  बौद्ध, अनीता पांडे, अर्चना बाजपेई, किरण पांडे, कीर्ति पांडे, रमा शुक्ला, शिखा शुक्ला तथा खुशी शुक्ला रही मातृ शक्तियों द्वारा झील का आरती किया गया इस दौरान पंडित संतोष तिवारी ने कहा कि सी ताद्वार झील सबसे पवित्र व पूजनीय माना जाता है और यही कारण है कि लोग दूर-दूर से झील में स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि झील में स्नान करने से न सिर्फ व्यक्ति के सारे कष्ट मिटते हैं, बल्कि उसके सारे पाप भी धुल जाते हैं।  में स्नान के अतिरिक्त जिस चीज को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है, वह है आरती।  आरती का अपना एक अलग महत्व है।  आरती का दृश्य मात्र देखने से ही व्यक्ति भक्ति के रस में सराबोर हो जाता है। झील को देखने के लिए सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग – आते हैं। उक्त अवसर पर राम बिहारी वाजपेई ,विष्णु देव शुक्ला ,बलदेव पांडे, कृष्णदेव  ,छैल बिहारी मिश्रा  रामबरन तिवारी आदि भक्तगण मौजूद रहे।

शिवा जायसवाल
जिला संवाददाता श्रावस्ती

Leave a Comment